
यासीर राणा ने किया पहली बार श्वेत कोशिकाओं का दान* रक्तदान महादान इंसानियत ट्रस्ट के साथी यासिर राणा ने रुड़की से एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश पहुंच कर गंभीर बीमारी से जूझ रहे 12 साल के नितिन को डब्लूबीसी दान कर मानवता की मिसाल पेश की
संभल उत्तरप्रदेश निवासी नितिन गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश में उपचार करा रहा है वह जिंदगी पाने के लिए मौत से जंग लड़ रहा है डॉक्टरों ने नितिन को श्वेत कोशिकाएं( डब्लूबीसी ) देने की सलाह दी है मगर परिवार में कोई श्वेत कोशिकाएं देने वाला नहीं था ये सुचना रक्तदान महादान इंसानियत ट्रस्ट को दी गई
इसकी जानकारी टीम के साथी यासीर राणा को दी गई जैसे ही यासीर राणा को पता चला कि संभल निवासी मरीज़ नितिन 18 साल को एम्स ऋषिकेश में डब्ल्यूबीसी की आवश्यकता है तो वे तैयार हो गए उन्होंने कहा किसी की जान बचाने के लिए डब्ल्यूबीसी देंगे बृहस्पतिवार की रात में रुड़की से एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश पहुंचे सभी टेस्ट सही पाए जाने पर सुबह फिर रुड़की से एम्स ऋषिकेश पहुंच कर यासीर राणा ने श्वेत कोशिकाओं का डोनेशन किया डब्ल्यूबीसी डोनेशन एक ऐसी विधि है
जिसमें देने वाले के पैरों में दर्द कमर दर्द और बुखार जैसे लक्षण हो सकते है डोनेशन से पहले भी डोनर की डब्ल्यू बीसी बढ़ाने के लिए पेट में 2 इंजेक्शन लगाए जाते है उसके बाद सुबह 2 इंजेक्शन लगाए जाते है डोनेशन के दौरान 3 घंटे तक दोनों हाथों में निडिल लगी रहती है रक्तदान महादान इंसानियत ट्रस्ट यासीर राणा जी का दिल से धन्यवाद करती है साथ साथ उनके उज्वल भविष्य की कामना करती हैं