देश में हर्षोल्लास के साथ विश्व अभियंता दिवस मनाया जा रहा है इस अवसर पर डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रदेश प्रवक्ता जुनैद गॉड ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया अभियंता दिवस सभी अभियंताओं के लिए महत्वपूर्ण दिवस है भारत आज इंजीनियरिंग और आई टी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है सही मायनों अभियंता देश के विकास में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं की धूरी है देश में सड़को का जाल हो या इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचा बुनियाद सुविधाएं बिजली सड़क नाली सीवर पानी सब अभियंताओं के योगदान से बनते हैं आपदा प्रबंधन से लेकर निर्माण तक कोई भी कार्य अभियंताओं के योगदान के बिना संभव नहीं आजादी के बाद प्रतिभावान इंजीनियरों ने नए भारत के निर्माण तथा विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है आज भारत के महान अभियंता विश्ववारिया जी का जन्मदिन है विश्वेश्वर जी के जन्मदिन को अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है विश्वरैया जी का इंजीनियरिंग के क्षेत्र में असाधारण योगदान अविस्मरणीय हैं उन्हें भारतीय सिविल इंजीनियरिंग का जनक तथा आधुनिक भारत का विश्वकर्मा कहां जाता है देश भर में बने बांधों और पुलों को सफल बनाने के पीछे कर्नाटक के मैसूर के कॉलर जिले में 15 सितंबर 1860 को जन्मे ऐश्वर्या का बहुत बड़ा योगदान रहा है उन्होंने मैसूर में कृष्णा राज सागर बांध पुणे के खड़कवासला जिला बांध का निर्माण कराया और ग्वालियर में तिगरा बांध इत्यादि कहीं महत्वपूर्ण बांध बनवाई हैं हैदराबाद शहर को बनाने का पूरा शहर फादर ऑफ मॉडर्न मैसूर स्टेट कहे जाने वाले विश्वारिया को ही जाता है विश्वरीय जी बहुत सी परियोजनाओं के कारण देश आज गर्भ का अनुभव करता है उन्होंने एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की जिसके बाद में देशभर में विख्यात हो गए विशाखापट्टनम बंदरगाह की समुद्री कथाओं से सुरक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करने में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई घर-घर में प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने के अलावा गंदे पानी की निकासी के लिए नाली नालों की समुचित व्यवस्था भी विश्व औरैया जी की देन है तिरुमला और तिरुपति के बीच सड़क निर्माण के लिए योजना को अपने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई 1955 में उन्हें सर्वोच्च भारतीय सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विश्व भैया के उल्लेखनीय योग्य दान के मतदान नजर वर्ष 1968 में उनकी जन्मतिथि को भारत सरकार द्वारा अभियंता दिवस घोषित किया गया शुरुआती पढ़ाई मैसूर करने के बाद ऐश्वर्या ने 1881 में मद्रासी यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कॉलेज से बी ए की परीक्षा उत्तीर्ण की उसके बाद मैसूर सरकार से उन्हें सहायता मिली और उन्होंने पुणे के साइंस कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए दाखिला लिया 1883 की एलसीडी और एसएससी परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया और उनकी योग्यता को देखते हुए मुंबई सरकार ने उन्हें नासिक में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त किया एक इंजीनियर के रूप में उसके बाद उन्होंने अनेक अद्भुत कार्यों को अंजाम दिया विश्वरैया जी एक आदर्शवादी और अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे जो अपने हर कार्य को परफेक्शन के साथ करते थे 12 वर्ष की आयु में भी वे बिना किसी सहारे के चलते थे भाषण देने से पहले में स्वयं उसे लिखते थे और फिर कहीं बार उसका अभ्यास करते थे अपनी भी योग्यता से उन्होंने बड़े-बड़े ब्रिटिश इंजीनियरों के समक्ष भी अपनी योग्यता और प्रतिभा और भारत का लोहा बनवाया 1905 में उन्हें ब्रिटिश शासन द्वारा कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन अंपायर से सम्मानित की राज किया गया वर्ष 1912 से 1918 तक मैसूर के 19 वें दीवान रहे 1903 में विश्व हरिया ने पुणे के खड़ा के साला जिला से में ऐसा बांध बनवाया जिसमें इस बात कैसे दरवाजे थे जो बाढ़ के दबाव को भी झेल सकते थे और इसे बंद को कोई नुकसान नहीं पहुंचता था उसे बंद की सफलता के बाद उन्होंने ग्वालियर में तिगरा बंद भी बनवा 1932 में 1932 में कावेरी नदी के कृष्णा राज सागर बांध के निर्माण परियोजना में विच इस इंजीनियर थे हालांकि तत्समय के निर्माण बेहद कठिन कार्य था क्योंकि उसे समय देश में सीमेंट का उत्पादन नहीं होता था लेकिन दृढ़ इरादों के धनी विश्वरैया जी ने इंजीनियरों के साथ मिलकर सीमेंट से कहीं ज्यादा मजबूत मोर्टार तैयार किया और उससे निर्माण किया जिससे कावेरी हेमवती और लक्षण तीर्थ नदी आपस में मिलते हैं उसे समय इस बंद को एशिया का सबसे बड़ा बांध कहां जाता था
प्रदेश प्रवक्ता जुनैद गौड ने प्रेस नोट में बताया भारत पूर्व से ही सिविल अभियांत्रिकी का प्रमुख केंद्र रहा है विश्व के सबसे प्रमुख और प्राचीन इंजन कॉलेज की स्थापना रुड़की में हुई जिसका नाम थॉमसन कॉलेज था जो बाद में रुड़की विश्वविद्यालय एवं उसके बाद आईआईटी रुड़की के रूप में परिवर्तित हुआ आज सभी देशवासियों एवं अभियंताओं द्वारा विश्वरीय जी के कार्यों को आगे बढ़ाकर देश के विकास में अपनी भूमिका निभाई जा रही है
महान अभियंता और भारत के मेट्रोमैन इंजीनियर ई श्रीधरन जी ने देश के मेट्रो क्षेत्र को विश्व का बेहतर मेट्रो दिया है

                        







                
                
                
                