रूडकी।शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे एड०किरणजीत सिंह संधू ने कहा कि प्रतिभाओं के सम्मान से न केवल व्यक्तियों के प्रयासों को मान्यता मिलती है,बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करती है और उनके जनहितैषी कार्य के लिए उत्साह में वृद्धि करती है।किरणजीत सिंह संधू फोनिक्स के सेमीनार हॉल में आयोजित राष्ट्र विभूति सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।योगेश शिक्षा कला संस्कृति एवं पर्यावरण उत्थान ट्रस्ट व फोनिक्स यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्र विभूति सम्मान समारोह में
विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाली डेढ़ सौ से अधिक हस्तियों को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया
।यह सम्मान उन लोगों को दिया गया जिन्होंने कला,शिक्षा,संस्कृती,साहित्य,विज्ञान,समाजसेवा,खेल,उद्यमिता,पत्रकारिता,ज्योतिष व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं और अपने काम से समाज को गौरवान्वित किया है।देशभर के विभिन्न राज्यों से इन सक्रिय हस्तियों को अतिथिगणों द्वारा सम्मानित किया गया।देश के “प्रथम राष्ट्र विभूति सम्मान समारोह-2025” का आयोजन
उत्तराखण्ड की हिमालय की गोद में माँ गंगा के तट पर विराजमान प्रसिद्ध शिक्षा नगरी रुड़की की पावन धरा पर फॉनिक्स यूनिवर्सिटी, रुड़की में किया गया,जिसमें कार्यक्रम के समन्वयक संजय वत्स ने तथा विश्वविद्यालय के चेयरमैन इंजी०चैरब जैन,कुलपति प्रो०मनीष पाण्डेय,प्रो०डॉ०पंकज कुमार मिश्रा,कुलपति फ्यूचर यूनिवर्सिटी बरेली, डॉ०प्रिया जाडू पूर्व निदेशक राज्य संसाधन केन्द्र उत्तराखण्ड,डॉ०बीएल यादव निदेशक सीएमडी इण्टरनेशनल स्कूल दिल्ली,डीके शर्मा निदेशक शेफील्ड स्कूल रुड़की,प्रदीप कुमार श्रीवास्तव व डॉ०नवीन खन्ना आदि अतिथियों द्वारा भारतवर्ष की शताधिक राष्ट्र विभूतियों को यह सम्मान स्मृति चिह्न,अंगवस्त्र,सम्मान की सूचक पगड़ी,हृदय फलक,प्रशस्ति पत्र तथा समय की सूचक घड़ी उपहार स्वरूप प्रदान कर विभूतियों को अलंकृत
 व्यक्तित्व में चार चांद लगाये।देश की महान् विभूतियों को सम्मानित कर रुड़की स्वयं गौरवांवित होकर ऐतिहासिक गौरवमय पलों का साक्षी बना।इस मौके पर प्रतिभावान विभूतियों के अनुकरणीय एवं सराहनीय कार्यों का ऐतिहासिक वंदन अभिनंदन तथा गुणगान किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता इं०चैरब जैन ने की तथा मुख्य अतिथि शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह,विशिष्ठ अतिथि ‘प्रणाम पर्यटन’ के संपादक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव,डॉ०प्रिया जाडू पूर्व निदेशक राज्य संसाधन केन्द्र प्रौढ शिक्षा उत्तराखंड,समाजसेवी डॉ०बीएल यादव रहे।सभी ने समस्त विभूतियों को शुभकामनाएँ एवं बधाइयों को साथ सम्मानित करते हुए उनके कृतकार्यों की सराहना की।कार्यक्रम में नन्हें जादूगर निपूर्ण ने भी दर्शक दीर्घा का मन आकर्षित किया तथा केके गर्ग द्वारा मधुर बांसुरी वादन ने सभागार को स्तब्ध कर आनन्दित किया।कार्यक्रम की सफलता के साक्षी चार सौ से अधिक विद्वज्जन रहे,जिनमें प्रमुख रूप से ट्रस्ट के अध्यक्ष जन्मेजय,सचिव श्रीमती सुमन चौहान,कोषाध्यक्ष श्रीमती कामना शर्मा,कार्यक्रम समन्वयक संजय वत्स,फॉनिक्स विश्वविद्यालय की डॉ०स्वाति चौधरी,डॉ०आयशा अंसारी सहित समस्त आचार्य वर्ग स्टाफ,विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ मध्यप्रदेश से मंजूषा गौतम,प्रमोद व्यास,दिल्ली से डॉ०अस्मिता आचार्य,इस्लाम मलिक,मख्खन लाल तंवर,प्रेम खुल्लर,डीपीखत्री,डा०प्रेम खुल्लर,श्रीमती निक्की गुप्ता,श्रीमती नीतू त्यागी,उत्तरप्रदेश से श्रीमती रमा त्यागी ‘एकाकी’,कविता मुखरिया,नवीन दीक्षित,चन्द्रेशमणि,रविन्द्र पाण्डेय,शिवकुमार गुप्ता,सर्वेश कुमार मिश्र आदि तथा उत्तराखण्ड के डॉ०सुरेन्द्र कुमार आर्यन,डा०दीनदयाल दीक्षित,छत्तीसगढ़ से ज्योति सराफ,उड़ीसा से डॉ०आकांक्षा रूपा चचरा,सिक्किम प्रदेश से शान्ति सुंदास,सुरेन थापा,चन्द्र बहादुर आदि की गरिमामय उपस्थिति में डॉ०आकांक्षा रुपा चचरा की जीवन का मूल मन्त्र,नया सवेरा जीवन चक्र,खेल खेल में हिन्दी सीखो पुस्तकों का लोकार्पण तथा साथ ही डॉ०शशि देवली ‘शिवी’की ब्वारी नामक पुस्तक का भी लोकार्पण हुआ।अन्त में बांसुरी की धुन पर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा के उपरान्त सभी ने भोजन प्रसाद प्राप्त कर प्रस्थान किया।कार्यक्रम में डॉ०अंजू शर्मा,मनव्वर अली,अनुभव गुप्ता,ललित गुप्ता,मु.इकराम,राजीव शर्मा,संदीप कुमार शर्मा,विपिन चौधरी,ठाठ सिंह,अमन शर्मा,आलोक शर्मा आदि ने सहयोग प्रदान किया।कार्यक्रम का संचालन संजय वत्स व डॉ०विजय कुमार त्यागी ने संयुक्त रूप से किया।

                        







                
                
                
                
                
                