(रिपोर्ट मनीष ग्रोवर)
रुड़की – राजनीति में कई नाम आते-जाते रहते हैं, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो लोगों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पूजा गुप्ता ऐसा ही नाम हैं — जिन्होंने राजनीति को पद की नहीं, बल्कि सेवा की साधना माना।

मेयर पद का चुनाव भले ही वह न जीत सकीं, लेकिन उन्होंने जनता का दिल और सम्मान दोनों जीत लिया। रुड़की की गलियों से लेकर कॉलोनियों तक, हर वर्ग का व्यक्ति आज भी पूजा गुप्ता के काम, उनके विज़न और सादगी की चर्चा करता है।
पूजा गुप्ता ने जिस समर्पण और ईमानदारी से रुड़की के सर्वांगीण विकास का सपना दिखाया, वह अपने आप में मिसाल था। उनकी योजनाओं में हर घर तक साफ पानी की व्यवस्था, सुदृढ़ सड़कें, हर महिला के लिए आत्मनिर्भरता के अवसर, युवा वर्ग के लिए रोजगार और खेल सुविधाएं, और हर वार्ड में सुनियोजित स्वच्छता अभियान जैसे कई ठोस वायदे शामिल थे।
लोग आज भी कहते हैं — “अगर पूजा गुप्ता को मौका मिला होता, तो रुड़की का चेहरा बदल जाता।”उनकी सोच थी – विकास सिर्फ इमारतों का नहीं, बल्कि इंसानों के विश्वास का होना चाहिए।

पूजा गुप्ता ने हमेशा सकारात्मक राजनीति की मिसाल दी। वह हार के बाद भी हौसले से खड़ी हैं, क्योंकि उनके लिए असली जीत जनता का प्यार और विश्वास है।आज भी रुड़की में जब कोई कहता है कि शहर को बदलाव चाहिए, तो सबसे पहले ज़ुबान पर एक ही नाम आता है —
रुड़की की समाजसेविका पूजा गुप्ता ने अपने पति सचिन गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि “मेरे पति ने मुझे जो हिम्मत और प्रेरणा दी है, वह किसी बड़ी जीत से कम नहीं है।” उन्होंने बताया कि सचिन गुप्ता हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और परिवार के साथ-साथ समाज में भी सकारात्मक माहौल बनाने का कार्य कर रहे हैं।

पूजा गुप्ता ने कहा कि सचिन गुप्ता जैसे सहयोगी पति आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं — जो न केवल परिवार की मजबूती बनते हैं, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर अपनी पत्नी का साथ देकर समानता का संदेश भी देते हैं।
कृष्ण नगर में मानवीयता की मिसाल बनी पूजा गुप्ता
कृष्ण नगर क्षेत्र में जहां बारिश के बाद गलियों और घरों में पानी भर गया था, वहां पूजा गुप्ता ने बिना किसी पद पर रहते हुए भी आगे बढ़कर मदद की। अपने पर्सनल खर्च पर टैंकर लगवाकर पानी की निकासी करवाई।लोगों की परेशानी दूर करने के इस कदम की पूरे इलाके में खूब सराहना हो रही है।
जनता कह रही है कि ऐसे जनसेवक ही सच्चे समाजसेवी होते हैं।अब जबकि 2027 के चुनाव करीब हैं, देखना दिलचस्प होगा कि जनता का रुख किस ओर जाता है — लेकिन फिलहाल पूजा गुप्ता के इस कार्य की हर ओर तारीफ हो रही है।









