रुड़की। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जहां एक और अवैध निर्माण को लेकर सख्त नजर आ रही है वहीं कुछ भू माफिया आधे अधूरे लेआउट के चलते हैं धड़ाधड़ अवैध कालोनी काटने में लगे हैं कुछ लोगों ने थे जमीन के बड़े हिस्से में से कुछ हिस्से का ही लेआउट पास कराया और एक बड़े एरिया में कॉलोनी को काट दिया इतना ही नहीं आधे अधूरे लेआउट के चलते प्लॉटों को भी बेच दिया गया। 
जी यहां हम बात कर रहे हैं मंगलौर थाने के सामने काटी गई गोकुल सिटी कॉलोनी की। बताया गया है कि कॉलोनी स्वामी ने लगभग 78 बीघा में कॉलोनी को काट दिया है और इसमें से मात्र 25-30 बीघा का लेआउट पास कराया और कॉलोनी कोपूर्ण रूप से डेवलप किए बिना कॉलोनी में प्लाट को बेच दिया गया।
क्या विभाग को उसकी जानकारी नहीं है और यदि जानकारी है तो विभाग ऐसी कॉलोनीयों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है इसको लेकर विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कॉलोनी स्वामी जहां एक और चांदी काटने में लगे हैं वहीं विभाग के कुछ लोगो की लापरवाही के चलते विभागों को राजस्व का मोटा चुनाव लग रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग ऐसी कॉलोनी के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।
बिल्डिंग-बाय-लॉज़ और स्टैण्डर्ड्स — प्लॉट साइज/कवरिंग % (ground coverage), FAR/FSI, सैट-बैक (front/side/rear setbacks), इमारत ऊँचाई सीमाएँ, पार्किंग के लिए ECS मानक, सड़क-व्यापकता (minimum road widths), आग सुरक्षा-योग्य ओपन-स्पेस इत्यादि राज्य के Bye-Laws के मुताबिक होंगे। इन ब्योरों के सख्त अनुपालन की दरकार रहती है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर (बाहरी व आंतरिक) — सड़कों की बनावट और चौड़ाई, ड्रेनेज/स्टॉर्म-वाटर, सीवर/सीप्टिक व्यवस्था, पीने का पानी, विद्युत कनेक्शन, स्ट्रीट-लाइटिंग, हरित क्षेत्र, बच्चों के खेल का क्षेत्र, सामुदायिक भवन/बाज़ार, पार्किंग आदि का प्रावधान और विकासकर्त्ता द्वारा उनका निर्माण/सम्पूरण कराना अनिवार्य है। इन सुविधाओं के निर्माण-मानदण्ड भी Bye-Laws/प्राधिकरण निर्देशों पर आधारित होंगे। लेकिन ऐसा होता हुआ मौके पर नहीं दिखाई दे रहा है









