राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रूड़की द्वारा आयोजित “सर्कुलर इकोनॉमी के तहत सीवेज उपचार एवं स्लज प्रबंधन” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला 12 दिसंबर को सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों, संकाय और प्रतिभागियों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम राज्य एवं केंद्र सर्कार में कार्यरत इंजीनियरों के लिए CAMBI के सहयोग से 09 दिसंबर से 13 दिसंबर, 2024 तक आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को एक चक्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अपशिष्ट जल उपचार और स्लज प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से परिचित कराना था। इसने इंजीनियरों, नीति निर्माताओं, सलाहकारों और विद्वानों के लिए एक संवादात्मक मंच प्रदान किया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) अपशिष्ट मानकों और केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन (सीपीएचईईओ) पुन: उपयोग दिशानिर्देशों का अनुपालन करने वाले नवीनतम नवाचारों में गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में सक्षम बनाया गया। इसमें यूएसईपीए क्लास ए बायोसॉलिड्स और एफसीओ 2009 खाद विनिर्देशों के अनुरूप सीवेज उपचार संयत्र से निष्काषित बायोसोलिड्स के उपचार लिए स्लज उपचार प्रणालियों को भी शामिल किया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान साझा किया गया ज्ञान स्वच्छ और समृद्ध भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के भविष्य के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इस कोर्स में एनआईएच, आईआईटी रुड़की, डीआरडीओ, टेरी और पतंजलि योगपीठ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सम्मानित संकायों के साथ-साथ कैम्बी, डाइकी एक्सिस, वास्टेक इंफ्रा, जीईए ग्रुप और एसएसपी प्राइवेट लिमिटेड के उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। उनके योगदान ने चर्चाओं को समृद्ध किया और प्रतिभागियों को सीवेज उपचार और कीचड़ प्रबंधन के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों की गहरी समझ प्रदान की।
प्रशिक्षण में देश भर के विभिन्न जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड, जल निगम, शहरी स्थानीय निकाय, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग प्रभाग, स्वच्छ गंगा मिशन विभाग तथा आवास एवं शहरी विकास विभागों के 40 से अधिक इंजीनियरों ने भाग लिया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सीवेज और स्लज प्रबंधन से संबंधित राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, तथा इसने सरकारी इंजीनियरों को चक्रीय अर्थव्यवस्था ढांचे के अंतर्गत स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नवीन समाधानों को क्रियान्वित करने हेतु उपकरणों से सुसज्जित किया है। कार्यकर्म के समापन पर सभी प्रतियोगियों को प्रशिक्षण प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने सीवेज स्लज प्रबंधन कार्यशाला हेतु राष्ट्रिय जल विज्ञान संस्थान का आभार व्यक्त किया।