
उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल के माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा ने किया मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के नवीन मूट कोर्ट कक्ष का लोकार्पण
मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के विधि संकाय में नवीन मूट कोर्ट कक्ष का लोकार्पण उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल के माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा द्वारा किया गया। माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा के द्वारा पहले लोकार्पण, किया गया तदोपरांत उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा के समकक्ष दीप प्रज्वलित किया, मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० डॉ० नरेंद्र शर्मा एवं निदेशक प्रशासन श्री दीपक शर्मा द्वारा ,माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा को अंग वस्त्रम, प्रतीक चिन्ह व पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।
- माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा ने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहां की विधि के क्षेत्र में अवसर प्रर्याप्त रूप में उपलब्ध है। धैर्यता पूर्वक अपने कर्त्तव्यो का निर्वहन करने की आवश्यकता है साथ ही विधि के क्षेत्र में वर्तमान कालखण्ड में जिस प्रकार से आर्थिक स्वरूप बदला है, उससे नैतिक मूल्यों का ह्यस हो रहा है। इस दिशा में हमारा यह कर्त्तव्य बनता है कि हम नैतिक मूल्यो को बनाए रखे। साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छा अधिवक्ता बनने के लिए यह आवश्यक है कि वाद के तथ्यों को अच्छे से समझे और उसके उपरान्त ही उपयुक्त विधि एवं पूर्व निणयो का प्रयोग करें। बिना तथ्यों को समझे अच्छा अधिवक्ता बनना संभव नही है। माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक भारती शर्मा ने बताया की विद्यार्थियों के लिए बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव किए जिनके द्वारा शिक्षा का स्वरूप भी परिवर्तित हुआ है। भारतीय विधिक शिक्षा प्रणाली में, मूट कोर्ट को 1985 से भारतीय विश्वविद्यालयों में विधिक शिक्षा के पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाया गया हैं। मूट कोर्ट विधिक शिक्षा का एक रूप है, जिसमें किसी दिए गए कानूनी मुकदमे या समस्या पर शोध, लेखन और मौखिक तर्क प्रस्तुति आदि को शामिल किया जाता है।
मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० (डॉ०) नरेंद्र शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के विकास हेतु सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध और कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित कराए जाते हैं, जिनके माध्यम से न केवल किताबी ज्ञान बल्कि व्यवहारिक ज्ञान विद्यार्थियों को प्राप्त होता है।अभी हाल ही में अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने माननीय उच्च न्यायालय का शैक्षणिक भ्रमण भी सकुशल संपन्न किया है। निदेशक प्रशासन श्री दीपक शर्मा जी ने अपने संबोधन में कहा कि मूट कोर्ट का उद्देश्य कानून के छात्रों को कौशल विकसित करने और अभ्यास करने के लिए यथार्थवादी कानूनी माहौल प्रदान करके उनके भविष्य के करियर के लिए प्रशिक्षित करना है। मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं छात्रों को कानूनी शोध, लेखन और मौखिक वकालत जैसे कौशल विकसित करने में मदद करती हैं। इससे छात्रों को न्यायाधीशों के सामने अपने तर्क प्रस्तुत करने में आत्मविश्वास मिलेगा। मूट कोर्ट न केवल एक सह-पाठ्यचर्या गतिविधि है, बल्कि कानून के छात्रों के लिए एक मूल्यवान सीखने का अनुभव भी है।
मदरहुड विश्वविद्यालय के विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो० (डॉ०) जय शंकर प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि शैक्षिक सत्र में विद्यार्थियों को मूट कोर्ट के माध्यम से व्यक्तिगत प्रयोगों द्वारा न्यायालय की जानकारी दी जाती है इस से पूर्व बना मूर्ट कोर्ट में इतनी बेहतर व्यवस्था नहीं थी परन्तु अब हमारे यहां उन्नत सुविधाओं वाला मूर्ट कोर्ट बन कर तैयार हुआ है।इस अवसर पर प्रो० (डॉ०) श्रीवास्तव ने कहा की “मूट” शब्द का अर्थ है “चर्चा के लिए खुला”, और यह इस तथ्य को दर्शाता है कि मूट कोर्ट के मामले आमतौर पर कानून के अनसुलझे या विवादास्पद क्षेत्रों पर आधारित होते हैं। मूट कोर्ट के मामलों में कानून की किसी भी शाखा को कवर किया जाता हैं, जैसे संवैधानिक विधि, अंतर्राष्ट्रीय विधि, आपराधिक विधि, मानवाधिकार विधि, आदि।
इस कार्यक्रम में मदरहुड विश्वविद्यालय के विधि संकाय के छात्र-छात्राओं कि टीम द्वारा बहुत ही उत्साह के साथ रोचक तथ्यो पर आधारित केसों को प्रस्तुत किया जिसके माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी योग्यता का शानदार प्रदर्शन किया, कार्यक्रम में एलएलबी, बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, तथा बी.कॉम. एलएलबी सहित विधि संकाय के सभी कोर्सेज के विद्यार्थी शामिल हुए। इस अवसर पर विधि संकाय के छात्रों के बीच मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान पर टीम ए रही जिसमें रिवा, आस्था त्यागी, एवं रूकैया अन्सारी थे तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली टीम बी में तनु नताशिका शर्मा और उमैर रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ० दीपशिखा के द्वारा किया गया इस अवसर श्री अजय गोपाल शर्मा परीक्षा नियंत्रक डॉ० अनुपम गुप्ता एवं सभी संकायों केअधिष्ठातागण उपस्थित रहे, इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो० (डॉ०) नीरज मलिक, विधि संकाय के विभाग अध्यक्ष डॉ० नलनीश चंद्र सिंह , डॉ० विवेक सिंह ,निशुल्क विधिक सहायता एवं परामर्श केंद्र के सचिव,सहायक आचार्य डॉ० संदीप डॉ० जूली गर्ग , विवेक कुमार, सतीश कुमार, रुद्रांश शर्मा, रेनू तोमर, राहुल वर्मा, व्यंजन सैनी, आशी श्रीवास्तव, आयुषी वशिष्ठ,अमन सोनकर, मिल्टन कुमार, आईटी हेड हेमन्त कपूर आदि का सराहनीय योगदान रहा है।