विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली एवं संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून, के निर्देश के क्रम में मदरहुड विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु वंदे मातरम गीत का सामूहिक गायन एवं संविधान की शपथ का वाचन किया गया मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने भारत के संविधान को बनने की प्रक्रिया के ऐतिहासिक मूल्य एवं विष्टताओ पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि भारत का संविधान न केवल एक दस्तावेज है,
बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है और यह संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि से निर्मित भारतीय संविधान विश्व के सबसे विस्तृत एवं मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है, यह हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है, साथ ही उन्होंने भारतीय संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए शपथ दिलाई । उन्होंने यह भी बताया की यह गौरवशाली संविधान हमें अपने ऊपर गौरवान्वित होने का अवसर भी प्रदान करता है, संविधान के महत्त्व और इसकी भूमिका को और क्रांतिकारियों के बलिदान को हम अपने दिल में सजो कर याद करने का हमेशा रखना चाहिए । इस वर्ष के संविधान दिवस का विषय “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” है, जो हमें संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और प्रतिबद्धता को दोहराता है।
इस अवसर पर समस्त संकायों के साथ विधि संकाय द्वारा बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया गया। संविधान दिवस के अवसर पर विधि संकाय मदरहुड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा जिला कारागार, रोशनाबाद, हरिद्वार, का भ्रमण भी किया गया और बन्दियों को उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान जिला जज हरिद्वार के द्वारा सभी विद्यार्थियों को शपथ भी दिलाई गई ।
इस अवसर पर मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय गोपाल शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डॉ०) कृष्णपाल चौहान, परीक्षा नियंत्रक अनुपम गुप्ता, लेखा अधिकारी रूपेश गुप्ता, विधि शंकाय के अधिष्ठान प्रोफेसर (डॉ०) जयशंकर प्रसाद श्रीवास्तव, सभी विभागों के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष सहायक- अध्यापक, अध्यापक गण, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, आदि उपस्थित रहे।









