रुड़की। पुलिस का चेहरा केवल वर्दी और सख़्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि वर्दी के भीतर इंसानियत भी बसती है — इसका ज़िंदा उदाहरण जीआरपी रुड़की चौकी के कांस्टेबल सनी कुमार ने पेश किया।24 अक्तूबर 2025 को एक यात्री अपनी माँ और पिता के साथ यात्रा कर रहा था। अचानक उसकी माँ को सांस लेने में गंभीर तकलीफ़ हुई — फेफड़ों में खून का थक्का जमने से उनकी हालत बेहद नाज़ुक हो गई।
उसी वक्त ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल सनी कुमार ने बिना देर किए आगे बढ़कर परिवार की मदद की। उन्होंने तुरंत नज़दीकी अस्पताल पहुँचाने की व्यवस्था कराई और खुद अस्पताल पहुंचकर यह सुनिश्चित किया कि महिला का समुचित इलाज मिले।
इतना ही नहीं, जब परिवार का सामान स्टेशन पर छूट गया, तो सनी कुमार ने अपनी टीम के साथ उसे सुरक्षित रखवाया। बाद में जब महिला की हालत स्थिर हुई, सनी ने स्वयं रिक्शा की व्यवस्था की और ट्रेन आने पर यात्रियों का सामान दूसरे प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँचाने में भी मदद की।
यात्री ने भावुक होकर कहा
> “अगर कांस्टेबल सनी कुमार और उनकी टीम न होती, तो शायद हमारी माँ की जान बचाना मुश्किल हो जाता। उनकी तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता पुलिस की सच्ची सेवा भावना को दर्शाती है।”
कांस्टेबल सनी कुमार की इस सराहनीय पहल ने न केवल एक परिवार का विश्वास जीत लिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि “पुलिस जनता की सच्ची मित्र है।”
👮♀️ सम्मान के योग्य जीआरपी रुड़की टीम:
उप निरीक्षक प्रीति सैनी, प्रभारी, जीआरपी रुड़की कांस्टेबल जितेंद्र कुमार (क्रमांक 54)कांस्टेबल नथ नियाल भट्ट (क्रमांक 206)कांस्टेबल प्रदीप सैनी (क्रमांक 179)कांस्टेबल सनी कुमार (क्रमांक 05)महिला कांस्टेबल कमलजीत कौर









