अंडमान एवं निकोबार का विजया पुरम आज राष्ट्रभक्ति की अद्भुत अनुभूति से सराबोर हो उठा, जब स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की प्रेरणादायी कविता “सागरा प्राण तळमळला…” के 116 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुंबई स्थित वैल्यूएबल ग्रुप के संस्थापक अमेय हेटे द्वारा आयोजित विशेष स्मृति कार्यक्रम में सावरकर की भव्य प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया।

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिन्होंने इस आयोजन को राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना और स्वतंत्रता इतिहास के प्रति महत्वपूर्ण योगदान बताया।समारोह में अंडमान एवं निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) देवेंद्र कुमार जोशी तथा महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
वैल्यूएबल ग्रुप के संस्थापक अमेय हेटे ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि वीर सावरकर की प्रेरणादायक गाथा और स्वतंत्रता संग्राम की उत्कट भावनाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का विनम्र प्रयास है।गौरतलब है कि “सागरा प्राण तळमळला…” यह अमर गीत दिसंबर 1909 में इंग्लैंड के ब्राइटन समुद्र तट पर सावरकर ने लिखा था, जो आज भी राष्ट्रप्रेम की अग्नि को प्रज्वलित करता है।
इस भव्य समारोह ने अंडमान-निकोबार की ऐतिहासिक धरती पर देशभक्ति और संस्कारों का संदेश एक बार फिर रोमांचित कर दिया।









