
आईआईटी रुड़की का 24 वां वार्षिक दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और कुलगीत के साथ की गई। समारोह में 2513 छात्र-छात्राओ को डिग्री वितरित की गई।
आईआईटी परिसर स्थित दीक्षांत भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने डिग्री पाने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत, समर्पण और जुनून से ही मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि जो ज्ञान यहां से छात्रों ने प्राप्त किया है वह भविष्य के प्रयासों में उनके काम आएगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि यह उनकी यात्रा की शुरुआत है दुनिया आपके नवाचारों एवं नेतृत्व की प्रतिक्षा कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बी वी आर मोहन रेड्डी ने कहा कि छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने यहां तक पहुंचाया है उनका ज्ञान देश और दुनिया के लिए नई दिशा तय करेगा। निदेशक केके पंत ने कहा आईआईटी रुड़की के पास इंजीनियरिंग और विज्ञान में समृद्ध विरासत है
और हमारी उपलब्धियां नवाचार एवं उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। पूरे वर्ष हमारे कार्यक्रमों ने युवा दिमागों को प्रेरित करके स्थिरता को बढ़ावा देकर और उधोग अकादमिक सहयोग को आगे बढ़ाकर समाज को काफी हद तक प्रभावित किया है। कहा कि यह मील का पत्थर प्रगति की हमारी खोज और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। दीक्षांत समारोह में 1277 स्नातक, 794 स्नातकोत्तर, और 442 को पीएचडी उपाधि दी गई।
जिसमें अंचिता नाथ बी टेक को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक ,निदेशक स्वर्ण पदक पार्थ साथी मिश्रा बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी,भारत के राष्ट्रपति डा शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक उज्जवल कुमार दूबे बीटेक कम्प्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, संस्थान रजत पदक बीटेक,संस्थान कास्य पदक रिद्धम सदाना को प्रदान किया गया। वही छात्रों के लिए कुर्ता पजामा तथा छात्रों के लिए साड़ी का ड्रेस कोड रखा हुआ था। समारोह के दौरान छात्र छात्राओं में समारोह में उत्साह दिखाई दिया।