
*एडीबी का दंश झेलता गणेशपुर
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गौरतलब है कि एडीबी द्वारा रुड़की नगर में सीवर एवं पेयजल कार्यों का निर्माण कार्य किया गया परंतु 2020 में एडीबी अधिकारियों की लापरवाही के कारण गणेशपुर वासियों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए तत्पश्चात वहां पर मीडिया पहुंची ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पहुंची विधायक पहुंचे और फिर वही बात हुई जो हमेशा होती आई है जांच होगी कार्रवाई होगी समाधान होगा लेकिन वही कुछ नहीं हुआ जिन लोगों के मकान बैठे उनके मकान के साथ-साथ उनके सपने भी बैठ गए उन लोगों के दिलों से पूछो जो सालो साल तक अलग-अलग जगह कैसे किराए पर रहे हैं एडीबी की लापरवाही के कारण एक बार फिर 2021 में मकान क्षतिग्रस्त हुए मीडिया पहुंची नेता पहुंचे अधिकारी पहुंचे और वही बात हुई जांच होगी कार्रवाई होगी लेकिन एडीबी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं जबकि एडीबी की लापरवाही के कारण रामपुर चुंगी पर एक बच्चे की गड्ढे में गिरने से मौत हो गई थी माहीग्राम में लोगों के मकान क्षतिग्रस्त उनके सपने क्षतिग्रस्त हुए एक बार फिर 2022 में गणेश पुर रोड पर गड्ढे होने शुरू हो गए फिर वही वह मीडिया पहुंची अधिकारी पहुंचे वही बात दोहराई गई जांच होगी कार्रवाई होगी।
19 अगस्त को 2023 को मीडिया पहुंची अधिकारी पहुंचे एक्सपर्ट पहुंचे यही बात हुई जांच होगी परंतु कुछ नहीं हुआ।
4 जुलाई को फिर मकान गणेशपुर में क्षतिग्रस्त हो गए फिर वही बात हुई जांच होगी कार्रवाई होगी परंतु कुछ नहीं हुआ एडीबी द्वारा घोर लापरवाही बरतने के कारण अनेक स्थानों पर रुड़की में बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं बार-बार प्रशासन के चेताने के पश्चात भी एडीबी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और एडीबी अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहें हैं प्रतिदिन मिडिया में प्रशासन के चेताने के पश्चात भी एडीबी आधिकारी सुधरने को तैयार नहीं है जिस कारण गणेशपुरवासी का जीवन नरक हो गया है लोगो के कारोबार चौपट हो गए हैं किरायेदार छोड़कर जा रहें हैं प्रॉपर्टी का काम बंद हो गया है क्षेत्रीय पार्षद बार बार गुहार लगा रहें है और एडीबी की कार्यशैली से नाराज होकर लोगो ने सीवेज पंप पर ताला जड़ दीया है लेकीन एडीबी अधिकारी धिकारी सुधरने को तैयार नहीं ।
ग्राउंड रिर्पोट पर जब*news Uttrakhand samachar* की टीम पहुंची तो लोगो ने बताया आजतक किसी भी साइट पर एडीबी के इंजिनियर साइट पर खड़े होकर कार्य नही कराते और ठेकेदार के कर्मचारी लीपापोती कर चले जाते है और स्थिति इतनी बदतर है आज चैंबर बनता है एक सप्ताह बाद टूट जाता है कुछ चैंबर तो 8 बार निर्माण हो चुके है परन्तु एडीबी अधिकारी सामाधान करने को तैयार नहीं।