
देहरादून में आयोजित स्टेट बैडमिंटन टूर्नामेंट में मिक्स डबल्स एवं सिंगल में रुड़की के शिक्षाविद डॉक्टर मधुराका सक्सेना ने स्वर्ण पदक जीत कर रुड़की का नाम रोशन किया है कहते हैं कि अगर मन में लगन हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है। इसका उदाहरण है रुड़की की डॉक्टर मधुराका सक्सेना ने 75 वर्ष की आयु में स्वर्ण पदक जीतकर रुड़की का नाम रोशन किया है डॉक्टर मधुराका सक्सेना से जब मनीष ग्रोवर संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि अपने बिजी शेड्यूल में समय निकालकर बैडमिंटन खेला करती थीं आज मेरी मेहनत रंग लाई है रुड़की में लगातार खिलाड़ियों की प्रतिमा निकाल कर सामने आ रही है