
लक्सर के बाणगंगा क्षेत्र में खनन माफिया की अवैध हरकतों पर बोना साबित हुआ प्रशासन, देर रात से सुबह तक चले अवैध खनन की तस्वीरें आई सामने
रिपोर्ट. manish Grover
लक्सर क्षेत्र में अवैध खनन पर पूरी तरह लगाम कसने में नाकाम साबित हो चुके प्रशासन को खनन माफिया समय-समय पर आईना दिखाने का काम कर रहे हैं चाहे क्षेत्र की सड़कों पर दिन-रात धड़ले से गुजर रहे खनन सामग्री से लदे वाहन हूं या फिर बाणगंगा क्षेत्र सहित बड़ी गंगा और सोलानी नदी जैसे आदि क्षेत्रों में बेरोकटोक जारी अवैध खनन की गतिविधियां… अपनी तमाम तरह की सक्रियता और मुस्तैदी का ढिंढोरा पीटने वाला प्रशासन इन सभी अवैध गतिविधियों के सामने बौना साबित हो गया है हालांकि क्षेत्रवासी इस माजरे को अंदरखाने साफ-साफ समझ रहे हैं कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभिन्न अधिकारी और विभाग खनन माफियाओं से अपनी साथ गांठ को अंजाम दे रहे हैं या दे चुके हैं क्योंकि बीते कुछ महीनो से लगातार हो रही अवैध खनन की इन हरकतों के बावजूद प्रशासन द्वारा इस पर कोई नकेल नहीं कई जा सकी है इतना ही नहीं बल्कि लक्सर क्षेत्र की सड़कों पर खनन से लगे हुए वाहनों की चपेट में आकर जिस प्रकार बेगुनाह राहगीरों अथवा क्षेत्र वासियों की दर्दनाक मौत हो चुकी हैं
और उस पर हुए बवाल और हंगामों के बावजूद भी क्षेत्र की रक्षा के लिए सरताज बने प्रशासन द्वारा आज तक कोई रोकथाम स्थापित नहीं की गई है हालांकि इतना जरूर है की भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के निर्देशन में सड़कों पर बैरिकेडिंग सजा कर एक निजी कंपनी के सहारे अवैध खनन की रोकथाम कार्ड ढिंढोरा पीटा जा चुका है मगर क्षेत्र में उल्टा किसानों पर फायरिंग के पश्चात यही निजी कंपनी खुद और सरकार को भी गंभीर सवालों के घेरे में पहुंच चुकी है मगर मजाल है AC के सरकारी दफ्तरों में जनता की सेवा करने के लिए कागज वेतन भोगी अफसरों के कान पर इसे लेकर भी जूं नहीं रेंग पाई है मगर घूम फिर कर या फिर कुल मिलाकर सवाल वंही पैदा हो रहा है कि प्रशासन और खनन माफियाओं के बीच आखिरकार ऐसा क्या चल रहा है जिसके आरोप क्षेत्रवासियों के साथ-साथ विभिन्न दिग्गज लगा चुके हैं और इतना ही नहीं बल्कि मीडिया कवरेज के दौरान खुद खनन माफिया और उनके फील्डरों द्वारा नीचे से लेकर ऊपर तक अपनी पहले से हो चुकी सेटिंग का हवाला दिया जाता है अब भला यह कौन सी सेटिंग है जिसे या तो खनन माफिया जानते हैं या फिर दुनिया में इसे जानने के लिए परवर-दिगार बचा है लेकिन जमीन पर इसके जीते जाते सबूत भी तस्वीरों के रूप में देखने को मिल चुके हैं दरअसल कुछ दिनों पहले भी निहंदपुर-बाक्करपुर मार्ग पर स्थित बाण गंगा क्षेत्र में एक स्थानीय स्टोन क्रशर के हिस्सेदार खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन को अंजाम देकर सुबह होते ही अवैध खनन की जगह को समतल करते हुए सबूत मिटाने की तस्वीर जग जाहिर हो चुकी हैं जिस पर स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थलीय निरीक्षण और कार्यवाही का राग अलापा जा चुका है मगर कार्यवाही की नाउम्मीदी की पहचान बन चुके प्रशासन द्वारा इस पर लगाम लगाई जाए उससे पहले ही आज सुबह तक उसी जगह पर चले अवैध खनन के नजारे फिर से तस्वीरों के रूप में सामने आ चुके हैं दरअसल आरोप एक स्थानीय स्टोन क्रशर के हिस्सेदार खनन माफियाओं पर लग रहा है जिनके द्वारा निहानपुर बाकरपुर सड़क मार्ग पर स्थित बाणगंगा क्षेत्र में देर रात से लेकर सुबह करीब 5 बजे तक धड़ल्ले के साथ बेखौफ अवैध खनन की गतिविधियों को अंजाम दिया गया है जिसकी तस्वीरें सामने आई है तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि अनगिनत मशीनों के माध्यम से बाणगंगा क्षेत्र में खुदाई चल रही है और खनन सामग्री को खोदकर विभिन्न वाहनों में भरकर उसे ठिकाने लगाने के लिए उन्हें रवाना किया जा रहा है