रुड़की केंद्र सरकार द्वारा संचालित जल जीवन मिशन हर घर जल को कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैंl सरकार द्वारा यह कार्य करने के लिए जल संस्थान के विभागों को जिम्मेदारी दी गई थी जिसमें विभागों ने सहायक एजेंसी के माध्यम से विभिन्न गांव में हर घर जल पहुंचने का कार्य तो किया लेकिन यह कार्य सही प्रकार हुआ या नहीं इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों ने नहीं ली बल्कि सरकारी धन की जमकर बंदर बाट की गईl ग्राम में कार्य मानकों के अनुरूप न होने के चलते ग्राम वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ाl ऐसा एक मामला जब प्रकाश में आया जब भीम आर्मी के प्रदेश सचिव तेज प्रताप सैनी द्वारा विभाग द्वारा कराए गए कार्य की जांच के लिए विभाग को शिकायती पत्र दियाl
आपको बता दे की ग्राम बढ़ेडी राजपूतान ब्लॉक रुड़की जिला हरिद्वार में कुल लागत 396.01 लाख से गांव में हर-घर जल पहुंचना थाl जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड जल संस्थान अनुरक्षण खंड हरिद्वार को दी गई थी जिन्होंने यह कार्य सहायक एजेंसी किंचित प्रयास फाउंडेशन देहरादून के सहयोग से कीl यह कार्य पूर्ण करने की तिथि 12.04.2023 थी पर विभाग द्वारा इस कार्य को फरवरी 2024 तक भी पूरा नहीं किया गया इतना ही नहीं जो कार्य किया भी गया वह भी मानको के अनुरूप नहीं हुआl तेज प्रताप सैनी की शिकायत पर चार माह बाद विभाग के अधिशासी अभियंता मदन सेन द्वारा जांच अधिकारी संजय सैनी को ग्राम बढेडी राजपूतान भेजा गयाl उनके साथ में एसडीओ इंजीनियर राजेश चौहान, शिकायतकर्ता तेज प्रताप सैनी के साथ ही कर्मचारी व ठेकेदार मौजूद रहेl जांच अधिकारी द्वारा जब उक्त गांव में जांच के लिए एसडीओ से अभिलेख व एमबी मांगी तो वह जांच अधिकारी पर ही भड़क गएl क्योंकि जांच से घबरा एसडीओ इंजीनियर राजेश चौहान ना तो अभिलेख लेकर आए थे और ना ही एमबीl इस सबके चलते भी जांच अधिकारी ग्राम में पहुंचे और डाली गई पाइपलाइन की गहराई देखने के लिए कहीं जगह सड़क को खुदवाया तो उन्होंने पाया कि जहां पाइपलाइन को 1 मीटर गहराई में डाली जानी थी वह सिर्फ डेड दो फीट में पड़ी हुई थीl जिस पर जांच अधिकारी ने एसडीओ से सवाल किया तो वह जांच अधिकारी पर ही भड़क उठे l अभिलेख ना होने के चलते जांच अधूरी छोड़कर जांच अधिकारी वापस आ गए l इस दौरान मौके पर मौजूद ग्रामीण काफी नाराज दिखाई दिए उनका आरोप था कि विभाग द्वारा किए गए कार्य को सही नहीं किया गया है और ग्राम प्रधान व विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के चलते धन का बंदर बांट किया गया हैl इस बाबत जब शिकायतकर्ता तेज प्रताप सैनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा विभाग को लिखित में शिकायत भेज कर जांच करने की मांग की गई थी जिस पर विभाग द्वारा चार महीने बाद जांच अधिकारी को भेजा गया l उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा इस कार्य को मानकों के अनुरूप नहीं किया गया है बल्कि सरकारी धन की बंदरवाट की गईl उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने प्लाटिंग करने वाले लोगों से मिलकर उनकी कॉलोनी तक में पाइपलाइन बिछाने तक का कार्य कर डाला इसकी शिकायत जब उन्होंने उच्च अधिकारियों से की तो उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली गईl अब सवाल यह खड़ा होता है कि यदि अधिकारियों की इसी तरह लापरवाही रही तो केंद्र सरकार की योजनाएं कैसे सफल होगीl