रुड़की।पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने एक जलसे को खिताब में फरमाया कि इस्लाम सच्चे रास्ते पर चलकर जिंदगी गुजारने की शिक्षा देता है और सकारात्मक सोच के साथ हमें आगे बढ़ना चाहिए।निकटवर्ती रामपुर स्थित मदरसा इरफान उल उलूम में हुए सालाना जलसे में मौलाना उस्मान ने सभी से आपस में भाईचारा व नेक रास्ते पर चलने की हिदायत दी।उन्होंने कहा कि इस्लाम और पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्ल०की शिक्षाएं हमें सादगी के साथ सच्चे रास्ते पर चलने व अपनी जिंदगी को गुजरने का संदेश देती हैं।उन्होंने कहा कि अगर हमें किसी को अपना बनाना है तो सिर्फ अल्लाह के रसूल की सुन्नतों को अपनी जिंदगी में उतारना चाहिए।हमारा मुल्क हिंदुस्तान एक ऐसा गुलदस्ता है जहां विभिन्न प्रकार के फूल खिलते हैं,बावजूद उसके भी आपस में अमन और शांति बनी हुई है।हम दुआ करते हैं कि इसी तरह हमेशा अमन-परस्ती हमारे मुल्क में कायम रहे।उन्होंने कहा कि हम अपने अंदर छिपी बुराइयों को समाप्त कर दूसरों तक इस्लाम की शिक्षाओं को पहुंचाएं। इस्लाम मजहब ने हमें जो शिक्षाएं और आदर्श दिए हैं,उसी पर चलकर ही हम एक अच्छा इंसान बन सकते हैं और तभी हमारे मुल्क और समाज में सुख शांति व समृद्धि आ सकती है।मौलाना उस्मान ने कहा कि जब आप अकेले हो और आपके मन में जो भी नकारात्मक बातें उत्पन्न होती हों,तो आप उन बातों से अल्लाह की आंखों से नहीं बच सकते।इस्लाम सभी को बराबरी का हक देता है और अपने मां-बाप,बुजुर्गों तथा पड़ोसियों चाहे वह किसी भी धर्म-जाति का क्यों ना हो उसके साथ अच्छा सुलूक और बेहतर तरीका पेश किया जाए,यही इस्लाम की शिक्षा है और एक अच्छे मुसलमान की पहचान है। नमाज को पैगंबर रसूल अल्लाह की आंखों की ठंडक बताते हुए उन्होंने कहा कि नमाज इंसान को तमाम बुराइयों से रोकती है।उन्होंने कहा कि सादगी से जीवन जीने तथा इस्लाम के सिद्धांतों को अपनाकर ही हम फिजूलखर्ची,नशा,जुआ,शराब,दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों का खत्म कर सकते हैं।जलसे में देवबंद से तशरीफफ लाए मौलाना हुसैन अहमद,मौलाना अमानतुल्लाह सानी बिजनौर और मुफ्ती अशरफ अब्बास ने भी दीन व दुनियावी तालीम हासिल कर आगे बढ़ाने की बात कही।सालाना जलसे में कुरान हिफ्ज (कंठस्थ) करने वाले अठारह बच्चों की दस्तारबंदी की गई तथा अंत में अमन-शांति,मुल्क की खुशहाली व तरक्की की विशेष दुआ कराई गई।इस अवसर पर मौलाना मूसा कासमी,मौलाना मोहम्मद हारुन,मौलाना मोहम्मद मुस्लिम,कारी मोहम्मद शहजाद,कारी तौसीफ अहमद,कारी जमर्दुर अली,कारी मोहम्मद अकरम,विधायक हाजी फुरकान अहमद,डॉक्टर मोहम्मद मतीन,इम
रान देशभक्त,मोहम्मद अखलाक,मोहम्मद जुल्फिकार,डॉक्टर मोहम्मद मोहसिन,मोहम्मद इसरार, मोहम्मद अय्यूब,मुबारक अली,मोहम्मद सुल्तान, प्रधान कुर्बान अली,मोहम्मद फारूक,मोहम्मद जुल्फान,जमशेद अली, मोहम्मद इरशाद आदि हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।