
रिपोर्ट (मनीष ग्रोवर)
राधा स्वामी सत्संग ब्यास मेजर सेंटर पिलखनी में डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो जी के दो दिवसीय सत्संग के लिए आने वाले आने योग्य की संख्या लगभग बढ़ी जा रही है वीरवार दोपहर 3:00 बजे बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी का हेलीकॉप्टर सरसावा एयरफोर्स मे पहुंचे 3:35 पर बाबा जी डेरे मे पहुंच गए
तो अनुयाई उनकी एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े 9 व 10 मार्च सुबह 9:30 बजे बाबा गुरिंदर सिंह जी महाराज अपने प्रवचनों से संगत को निहाल करेंगे दो दिवसीय कार्यक्रम में पंजाब हरियाणा उत्तराखंड हिमाचल राजस्थान और उत्तर प्रदेश व नेपाल से 6:30 लाख से अधिक अनुयाई के जुटने का अनुमान है 9 मार्च को सुबह 9:30 बजे पाठी पाठ करेंगे सत्संग करता सत्संग करेंगे उसके बाद बाबा जी बच्चों के प्रश्न उत्तर के जवाब देंगे फिर बाबा जी खुली कार में संगत को दर्शन देंगे 10 मार्च को सुबह 9:30 बजे बाबा जी खुद सत्संग करेंगे और संगत को अपने वचनों से निहाल करेंगे राधा स्वामी सत्संग में शामिल होने के लिए संतो के पहुंचने का सिलसिला जारी है
रेलवे विभाग ने सरसावा स्टेशन पर सभी पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को 8,9,10 मार्च को रोकने का निर्णय लिया है ट्रेन से आने वाली संगत को दर तक लाने ले जाने के लिए दर की अपनी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था लगी है सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर भी बाहर से आने वाली संगत के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की गई है
यहां आने वाली सांगतो को वाहनों से डेरे पर पहुंचा जा रहा है बेसन और निजी गाड़ियों से भी संगत पहुंच रही है यातायात को सुचारू चलाने के लिए डेरे के सेवादार कमान संभाले हैं लगभग 50000 सेवादार पूरे कार्यक्रममें शामिल रहे
हरियाणा पंजाब राजस्थान हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सरसावा में प्रथम रेलवे स्टेशन का बस स्टैंड पर विशेष व्यवस्था की गई है यातायात व्यवस्था चेकिंग कंटेन लंगर साफ सफाई आदि कार्य में 50 हजार सेवादार दिन रात जुटे हैंपंजाब सिक्योरिटी ने डेरे को पूरी तरफ से सील कर दिया है*
डेरा मे बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो जी महाराज की सुरक्षा की दृष्टि से पंडाल में जाने से पूर्व मोबाइल कैमरा टेप रिकॉर्ड सभी सामान गेट पर लगे काउंटर पर जमा करने के बाद ही अंदर पंडाल में प्रवेश दिया जाएगा।7 हजार सेवादारों ने संभाली ट्रैफिक की व्यवस्था*
यातायात को सुचारू रूप से चलने के लिए डेरे के 7 हजार सेवादार अंबाला से लेकर देहरादून व करनाल, पानीपत, शामली, नकुड, छुटमलपुर, बिहारीगढ़, रुड़की, हरिद्वार तक कमान संभाले हुए हैं अंदर पंडाल में संगत के ठहरने की व्यवस्था की गई है ब्लॉक बनाकर महिलाओं और पुरुष के अलग-अलग ठहरने की व्यवस्था की गई है चाय नाश्ते के लिए कैंटीन में एक साथ 50 हजार और भोजन के लिए एक साथ 60 हजार संगत की व्यवस्था है